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‘BJP के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हों विपक्षी दल’, 19 पार्टियों की बैठक में सोनिया गांधी की अपील

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नई दिल्ली : विपक्षी दलों के नेताओं के साथ सोनिया गांधी की बैठकममता बनर्जी समेत 19 दलों के नेता शामिलविपक्ष से बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की अपील
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को विपक्षी दलों के नेताओं के साथ की गई बैठक में बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की अपील की. उन्होंने कहा कि सिर्फ संसद में ही नहीं, बल्कि बाहर भी विपक्षी दलों को एकजुट होना चाहिए. कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई इस बैठक में कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दल के नेता शामिल हुए. बैठक में टीएमसी, एनसीपी, डीएमके, शिवसेना, जेएमएम, सीपीआई, सीपीएम, एनसी, आरजेडी, एआईयूडीएफ आदि के नेताओं ने हिस्सा लिया.

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने बैठक से दूरी बनाई हुई, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) को न्योता नहीं दिया गया है. वहीं, समाजवादी पार्टी भी वर्चुअल बैठक में नहीं पहुंची. जब इस बारे में सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि रामगोपाल यादव के घर पर किसी का निधन हो जाने की वजह से सपा बैठक में नहीं पहुंच सकी.

बैठक में सोनिया गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट होने का आहवान किया है. यह पहली बार है जब सोनिया गांधी ने बीजेपी के खिलाफ सियासी लड़ाई में विपक्ष को एकजुट होकर 2024 को लक्ष्य बनाने की अपील की है. बैठक में सोनिया गांधी ने कहा, ”राष्ट्रहित के लिए न सिर्फ संसद में बल्कि, संसद के बाहर भी एकजुट हों.” संसद में विपक्ष की एकजुटता का प्रमाण देते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार को विपक्ष की एकता की वजह से ओबीसी बिल में संशोधन करना पड़ा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के अड़ियल रवैया के वजह से मॉनसून सत्र नहीं चल पाया.

बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि यह यूनिटी आगे के पार्लियामेंट सेशन में भी नजर आएगी पर उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है 2024 की सियासी लड़ाई. 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टियों को एक साथ रणनीति बनाने की अपील भी की गई. सोनिया गांधी ने कहा कि हम सबके अपने मतभेद हो सकते हैं, लेकिन राष्ट्रहित में हमें एक साथ आना होगा. कांग्रेस पार्टी की तरफ से सोनिया गांधी ने कहा कि इस मसले पर कांग्रेस पार्टी के प्रयासों में कोई कमी नहीं मिलेगी.

माना जा रहा है कि बैठक के जरिए विपक्ष ने अपनी ताकत दिखाई है. विपक्षी दल के नेता जोकि इस बैठक में शामिल हुए हैं, उनमें तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी शामिल थे. सूत्रों ने जानकारी दी है कि बैठक में बीएसपी को भी बैठक में शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया था, लेकिन पार्टी इस बैठक में शामिल नहीं हुई.

कांग्रेस से नहीं मिला निमंत्रण: AAP
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने विपक्षी दलों के साथ सोनिया गांधी की बैठक को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि पार्टी को कांग्रेस की ओर से न्योता नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा, ”ना तो केंद्र सरकार की ओर से 26 जनवरी या फिर 15 अगस्त पर न्योता दिया जाता है और न ही बीजेपी-कांग्रेस हमें इनवाइट करती है.”

मॉनसून सत्र के बाद दिखेगी विपक्ष की एकता
बैठक का उद्देश्य संसद के हाल ही में संपन्न मॉनसून सत्र के बाद विपक्षी एकता को और मजबूत करना है. चार सप्ताह के लंबे सत्र में राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में एक नया विपक्ष देखा गया था. राहुल गांधी की उपस्थिति ने संसद के दोनों सदनों में विपक्ष को एकजुट करने के प्रयासों को और बढ़ावा दिया था. सोनिया गांधी की इस बैठक को विपक्ष के बीच कांग्रेस की स्थिति को और मजबूत दिखाने के उद्देश्य से उठाए गए कदम के रूप में भी देखा जा रहा है. 9 अगस्त को कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ने भी एक डिनर पार्टी रखी थी, जिसमें कई शीर्ष विपक्षी नेताओं ने हिस्सा लिया था.

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