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आधुनिक खेती अपनाकर घस्सूराम के जीवन में आया बदलाव

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  • विकासशील कृषक बनकर दूसरे किसानों के लिए बना मिसाल
  • सब्जी-भाजी की खेती से लगभग 30-32 हजार रूपये की हुई आमदनी
नारायणपुर : व्यक्ति में अगर आगे बढ़ने की इच्छा और लगन हो तो न सिर्फ रूकावटें दूर होती हैं, बल्कि तरक्की के रास्ते खुद-ब-खुद बनते जाते हैं। थोड़े से प्रयास और जागरूकता के चलते नारायणपुर जिले के खरगांव निवासी श्री घस्सूराम सलाम के जीवन स्तर में बदलाव आया है। परम्परागत खेती के बजाय अब वह सब्जी की खेती को अपनाकर बेहतर मुनाफा कमाने लगा है।  सिंचाई का साधन नहीं होने के कारण घस्सूराम की भी हालत लघु एवं सीमांत किसानों जैसी थी। लेकिन मनरेगा के तहत उसके खेत में डबरी निर्माण होने से उसने नए सिरे से खेती-किसानी की शुरूआत की। वह परम्परागत खेती के बजाय अपने एक एकड़ कृषि भूमि में सब्जी भाजी की खेती प्रारंभ कर दिया। सिंचाई की सुविधा होने के कारण अच्छी पैदावार हुई। आमदनी में इजाफा हुआ और परिवार को आर्थिक संबल मिला। सब्जी-भाजी की खेती से उसे इस वर्ष लगभग 30-32 हजार रूपये की आमदनी हुई, इससे उनका उत्साह बढ़ा है। आदिवासी किसान घस्सूराम से बातचीत करने पर उसने बताया कि खेती-किसानी का व्यावसाय मुझे विरासत में मिला है। हमारे पूर्वज भी यही काम किया करते थे। परम्परागत खेती करने से कुछ खास उत्पादन नहीं होता था। इसलिए मैने आधुनिक तरीके से व्यावसायिक खेती की ओर रूख किया। उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से मिलकर शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाआंे के बारे में जानकारी लेकर इन योजनाओं का लाभ लेने पर विचार किया। शासन द्वारा संचालित महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत् खेत में डबरी निर्माण किया गया। इससे उसे अब बारहमासी पानी की उपलब्धता होने लगी। इसका उपयोग वह खेती-किसानी में करने लगा। घस्सूराम ने बताया कि खेती-किसानी के काम में उसे उसके परिवार का पूरा सहयोग मिलता है। उसके परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी और 5 बच्चे हैं, जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं। घस्सूराम अपनी लड़की रेशमा और रीना को अच्छी शिक्षा देकर किसी अच्छे पद पर काबिज देखना चाहता है। उद्यानिकी विभाग के अधिकारियांे ने बताया कि आदिवासी किसान घस्सूराम की काम के प्रति लगन और मेहनत को देखकर उसके एक एकड़ खेत में शेड नेट लगाया गया है और एक एकड़ में सूक्ष्म सिंचाई योजना (ड्रिप पद्धति) लगवाई। वह अपने खेत में सब्जी भाजी का उत्पादन कर खेत में बेचकर अच्छी कमाई कर रहा है। उद्यानिकी विभाग द्वारा उसे पैक हाउस योजना का भी लाभ विभाग द्वारा दिया गया हैं जिसमें वह बीज, खाद, दवाईयां, कृषि उपकरण व अन्य उत्पाद को सुरक्षित रखकर लंबे समय तक उसका उपयोग कर रहा है। शासन की योजनाओं का लाभ लेकर घस्सूराम आज क्षेत्र में एक विकासशील कृषक के नाम से प्रसिद्ध हो रहा है। अब दूसरे किसान भी उसे देखकर शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं।
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